बीजेपी @ 45: इतिहास, सफलता और नए भारत को आकार देने की यात्रा

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जिसकी स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, ने हाल ही में अपनी 45वीं वर्षगां मनाई — यह एक साधारण शुरुआत से लेकर विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनने तक की एक उल्लेखनीय यात्रा है। इन साढ़े चार दशकों में बीजेपी ने भारत के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है।
अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी तक, पार्टी ने नेतृत्व की ऐसी परंपरा विकसित की है जो हिंदुत्व, राष्ट्रीयता, और आधुनिकता के संतुलन पर आधारित है। यह लेख बीजेपी के इतिहास, उपलब्धियों, विचारधारा, और भविष्य की दिशा पर विस्तृत दृष्टिपात करता है।
🏛️ बीजेपी की उत्पत्ति: भारतीय जनसंघ से राष्ट्रीय शक्ति तक
📜 प्रारंभिक जड़ें – भारतीय जनसंघ (1951–1977)
बीजेपी की नींव 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ (BJS) में रखी गई।
मुखर्जी ने इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा को राजनीतिक मंच देने हेतु बनाया था।
उनका मुख्य लक्ष्य था — भारत की एकता, संस्कृति की रक्षा, और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध।
मुखर्जी की मृत्यु के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय के “एकात्म मानववाद” ने संगठन को वैचारिक गहराई दी।
1975–77 के आपातकाल के दौरान BJS ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर जनता पार्टी का गठन किया और 1977 में इंदिरा गांधी को हराकर सरकार बनाई।
🌱 बीजेपी का जन्म (1980)
जनता पार्टी के विघटन के बाद, 6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के नेतृत्व में बीजेपी की स्थापना हुई।
पार्टी का प्रारंभिक मंत्र था – “एक अलग तरह की पार्टी”।
शुरुआत में इसे 1984 के चुनाव में मात्र 2 सीटें ही मिलीं, लेकिन इसके बाद पार्टी ने रणनीति बदली और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को राजनीतिक ताकत में बदलना शुरू किया।
📈 बीजेपी का उदय: चुनावी मील के पत्थर
🚩 राम जन्मभूमि आंदोलन और 1990 का दशक
1989 में पार्टी ने राम मंदिर आंदोलन को अपनाया।
1990 में आडवाणी की रथ यात्रा ने बीजेपी को हिंदू भावनाओं से जोड़ दिया।
1989 में 85 सीटों से 1991 में 120 और 1996 में 161 सीटों के साथ यह सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
🏛️ वाजपेयी युग (1998–2004): शासन और संतुलन
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी ने सत्ता में स्थायित्व और सुशासन की मिसाल कायम की:
- पोखरण परमाणु परीक्षण (1998)
- कारगिल विजय (1999)
- स्वर्णिम चतुर्भुज और आर्थिक सुधार
🌅 नरेंद्र मोदी युग (2014–वर्तमान): एक नया भारत
2014 और 2019 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी ने नई दिशा और संकल्प के साथ शासन किया:
- अनुच्छेद 370 का हटना (2019)
- राम मंदिर का निर्माण (2024)
- भारत की GDP $3.5 ट्रिलियन से ऊपर
- 18 राज्यों में बीजेपी की सरकार या गठबंधन
🇮🇳 नए भारत को आकार देने में बीजेपी का योगदान
💹 आर्थिक विकास और आत्मनिर्भर भारत
- मेक इन इंडिया
- GST (2017)
- डिजिटल इंडिया
- PLI योजनाएँ और ग्लोबल निवेश आकर्षण
👨👩👧👦 समाज कल्याण और समावेश
- जन धन योजना: 50 करोड़ से अधिक खाते
- आयुष्मान भारत: 50 करोड़ को हेल्थ कवरेज
- उज्ज्वला योजना: 10 करोड़ महिलाओं को रसोई गैस
🛕 सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विरासत का उत्थान
- राम मंदिर: 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ पुनर्निर्माण
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी – राष्ट्र की एकता का प्रतीक
🌍 विदेश नीति में सशक्त भारत
- नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट
- G20 की अध्यक्षता और जलवायु नेतृत्व
- कोविड वैक्सीन मैत्री – 70 से अधिक देशों को टीका
🧱 बीजेपी की संगठनात्मक ताकत: सफलता का आधार
- 180 मिलियन से अधिक सदस्य – विश्व की सबसे बड़ी पार्टी
- RSS से वैचारिक और ज़मीनी समर्थन
- अमित शाह जैसे संगठक रणनीतिकार
- एनडीए जैसे गठबंधन के साथ राष्ट्रीय पहुंच
⚠️ चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
- ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताएँ
- बेरोजगारी और ग्रामीण संकट
- संघीय तनाव – दक्षिण भारतीय राज्यों से वैचारिक मतभेद
बीजेपी इनका जवाब देती है:
“विकास, राष्ट्रवाद और सबका साथ, सबका विकास ही हमारा मंत्र है।”
✨ बीजेपी @ 45: एक राष्ट्रवादी आंदोलन से एक राष्ट्रीय शक्ति तक
1984 में 2 सीटों से लेकर 2019 में 303 तक, बीजेपी ने न केवल चुनाव जीते, बल्कि भारत के विचार को भी नया आकार दिया।
राम मंदिर, डिजिटल इंडिया, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सशक्त भारत — ये सब उस दृष्टिकोण का परिणाम हैं जिसे पार्टी 45 वर्षों से लेकर चल रही है।
अब पार्टी की नजरें जलवायु बदलाव, डिजिटल वैश्विक प्रतिस्पर्धा, और समावेशी सामाजिक विकास पर हैं।
जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं:
“यह सिर्फ एक सरकार नहीं है, यह एक आंदोलन है—विकसित भारत का आंदोलन।”