ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि, 80 से अधिक आतंकी ढेर

भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमले कर 80 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सहित कुल 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
पुणे निवासी शहीद संतोष जगदाले की बेटी असावरी ने भावुक होते हुए कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर मेरी आंखें भर आईं। यह मेरे पिता और अन्य शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक घोषणा
यह ऐतिहासिक ऑपरेशन 7 मई 2025 को रात 1:44 बजे शुरू हुआ। यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने एक साझा सैन्य अभियान चलाया। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को बहावलपुर, मुरिद्के, मुजफ्फराबाद और कोटली जैसे क्षेत्रों में सटीकता से निशाना बनाया गया।
रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की:
“भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों की योजना बनाने और भारत पर हमला करने वाले नौ मुख्य ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह ऑपरेशन गैर-उत्तेजक, सटीक और रणनीतिक था — पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को छुआ तक नहीं गया।”
ऑपरेशन सिंदूर की मुख्य विशेषताएं
- नौ आतंकी ठिकाने तबाह
- 4 जैश-ए-मोहम्मद
- 3 लश्कर-ए-तैयबा
- 2 हिजबुल मुजाहिदीन
- 80+ आतंकी ढेर, जिनमें कई शीर्ष कमांडर शामिल।
- सटीक हथियारों का प्रयोग:
- राफेल जेट
- हथौड़ा बम
- बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइलें (सीमा पार किए बिना हमला)।
- PM मोदी ने ऑपरेशन की रातभर निगरानी की, और NSA अजीत डोवल ने योजना का नेतृत्व किया।
पहलगाम हमला: जिसने भारत को झकझोर दिया
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। पुणे निवासी संतोष जगदाले और उनके मित्र कौस्तुभ गनबोटे सहित 26 लोग मारे गए। असावरी जगदाले ने बताया:
“आतंकियों ने मेरे पिता से इस्लामिक आयत पढ़ने को कहा। जब वह नहीं पढ़ सके, तो सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां मारी गईं।”
उनकी पत्नी प्रगति जगदाले ने कहा,
“आतंकियों ने गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया। हमारे सामने हिंदू बेटियों का सिंदूर मिटा दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर मेरी आंखें नम हो गईं।”
बहावलपुर में मसूद अजहर का अड्डा नष्ट
ऑपरेशन सिंदूर का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य था — बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, जहाँ मसूद अजहर का ठिकाना था। इस स्थान को चार सटीक मिसाइलों द्वारा पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया ने रात के आसमान में आग की लपटों की पुष्टि की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: समर्थन और चिंता
- अजीत डोवल ने अमेरिकी NSA और विदेश सचिव मार्को रुबियो को ऑपरेशन की जानकारी दी।
- अमेरिका ने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित थी।
- पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” कहा और बदले की धमकी दी।
- LoC पर गोलीबारी में पूंछ में तीन भारतीय नागरिकों की मौत की खबर।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और UN महासचिव गुटेरेस ने संयम की अपील की।
देशभर से समर्थन
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: “भारत माता की जय!”
- योगी आदित्यनाथ: “जय हिंद की सेना!”
- पीयूष गोयल: “#OperationSindoor को शत-शत नमन”
- एस. जयशंकर: “विश्व को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता दिखानी चाहिए”
ऑपरेशन सिंदूर का भावनात्मक महत्व
ऑपरेशन का नाम उन विधवाओं और बेटियों के सम्मान में रखा गया, जिनके सुहाग और पिता इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा की भेंट चढ़े।
असावरी जगदाले बोलीं:
“यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि न्याय है — मेरे पिता और भारत के हर शहीद के लिए।”
क्या होगा आगे?
- आज शाम सेना देगी विस्तृत ब्रीफिंग।
- श्रीनगर समेत कई उत्तरी एयरबेस अस्थायी रूप से बंद।
- सीमा पर ‘आकाश’ एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय।
- पाकिस्तान ने 48 घंटे के लिए अपना एयरस्पेस बंद किया।
- भारत की मंशा अभी भी स्पष्ट है — व्यापक युद्ध नहीं, लेकिन आतंकवाद पर निर्णायक वार।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया है, बल्कि भारत की आत्मा, पीड़ा और प्रतिशोध का संगम है। यह उन हजारों परिवारों के सम्मान में है, जिनके सिंदूर आतंक की राजनीति में मिटा दिए गए थे।
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