Hinduism

कर्म पर कुछ प्रेरक उद्धरण यहां दिए गए हैं

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“लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं यह उनका कर्म है; आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं यह आपका कर्म है।” – वेन डायर

“आप किसी को इसलिए नुकसान नहीं पहुँचा सकते क्योंकि किसी ने आपको नुकसान पहुँचाया है। आपको भी वैसा ही भुगतना पड़ेगा जैसा उन्हें भुगतना पड़ेगा।” – अज्ञात

“आप दुनिया में जो ऊर्जा डालते हैं, वह हमेशा आपके पास वापस आती है।” – ओपरा विन्फ्रे “कर्म एक बूमरैंग की तरह है। आप जो देते हैं, वही आपको मिलता है।” – अज्ञात

“जब आप प्यार का बीज बोते हैं, तो आप खुशियों का बगीचा उगाते हैं।” – अज्ञात

“कर्म का नियम सरल है: प्रत्येक क्रिया एक प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है।” – अज्ञात

“कर्म का कोई मेनू नहीं होता। आपको वही मिलता है जिसके आप हकदार हैं।” – अज्ञात

“दूसरों के लिए अच्छा करो। यह अप्रत्याशित तरीके से वापस आएगा।” – अज्ञात

“जैसा बोया है, वैसा ही काटेगी; ऐसा है कर्म का क्षेत्र।” – श्री गुरु ग्रंथ साहिब

“आपके कर्म अच्छे होने चाहिए, और बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा। आपके अच्छे कर्म हमेशा आपके बुरे भाग्य पर विजय प्राप्त करेंगे।” – रोहित शेट्टी

कर्म पर कुछ और विचारोत्तेजक उद्धरण यहां दिए गए हैं:

“कर्म कभी अपना पता नहीं खोता।” – अज्ञात “ब्रह्मांड ऋण नहीं लेता। यह हमेशा खुद को संतुलित रखता है।” – अज्ञात

“एक अच्छा और सम्मानजनक जीवन जिएँ। फिर, जब आप बड़े हो जाएँ, तो आप पीछे मुड़कर देख सकते हैं और दूसरी बार इसका आनंद ले सकते हैं।” – दलाई लामा

“कर्म कारण और प्रभाव का सार्वभौमिक नियम है। आप जो बोते हैं, वही काटते हैं।” – अज्ञात

“कुछ करने से पहले उसके परिणामों के बारे में सोचो। जो तुम दूसरों के साथ करते हो, वही तुम अपने साथ भी करते हो।” – अज्ञात

“सबसे अच्छा बदला हमेशा खुशी-खुशी आगे बढ़ना है और बाकी काम कर्म पर छोड़ देना है।” – अज्ञात

“निर्दयी लोगों के प्रति दयालु बनो—उन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। बाकी सब कर्म संभाल लेगा।” – अज्ञात

“कर्म न्याय है। यह पुरस्कार या दंड नहीं देता; यह तो बस वही लौटाता है जो दिया गया था।” – अज्ञात

“जो बोओगे, वही काटोगे। अपना दायरा सकारात्मक रखो और अपने इरादे शुद्ध रखो।” – अज्ञात

“आप अपने कर्मों के परिणामों से बच नहीं सकते। कर्म हमेशा आपको ढूंढ़ ही लेगा।” – अज्ञात

“अच्छी चीजें उन लोगों के साथ होती हैं जो बदले में कुछ भी पाने की उम्मीद किए बिना दूसरों के लिए अच्छा करते हैं।” – अज्ञात “कर्म केवल दंड के बारे में नहीं है। यह सीखने और विकास के बारे में भी है।” – अज्ञात

“मनुष्य अकेला पैदा होता है और अकेला मरता है; और वह अपने कर्मों के अच्छे और बुरे परिणामों को अकेले ही भोगता है।” – चाणक्य

“हर कार्य के परिणाम होते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके परिणाम सकारात्मक हों।” – अज्ञात

“जो लोग अपना नाटक खुद रचते हैं, वे अपने कर्म के हकदार होते हैं।” – अज्ञात “कर्म एक दर्पण की तरह है: यह आपके कार्यों को स्पष्टता के साथ आपके सामने दर्शाता है।” – अज्ञात

“जब आप वास्तव में कर्म को समझते हैं, तो आपको एहसास होता है कि आप अपने जीवन में हर चीज के लिए जिम्मेदार हैं।” – कीनू रीव्स

“कर्म मानव स्वतंत्रता का शाश्वत दावा है। हमारे विचार, हमारे शब्द और कर्म उस जाल के धागे हैं जो हम अपने चारों ओर बिछाते हैं।” – स्वामी विवेकानंद

“उन लोगों से ईर्ष्या मत करो जो अन्याय करके बच निकलते दिखते हैं। कर्म अंततः सभी को भुगतना पड़ता है।” – अज्ञात

“अपने कार्यों और इरादों पर नियंत्रण रखें क्योंकि आप जो करते हैं वह कई गुना होकर आपके पास वापस आता है।” – अज्ञात “हो सकता है कि आप इसे अभी न देख पाएं, लेकिन कर्म कभी नहीं भूलता। हर कार्य समय के साथ वापस आता है।” – अज्ञात

“आप जो ऊर्जा बाहर भेजते हैं, उसके प्रति सचेत रहें। यह बढ़कर आपके पास वापस आएगी।” – अज्ञात

“दूसरों को माफ़ कर दो, इसलिए नहीं कि वे माफ़ी के हकदार हैं, बल्कि इसलिए कि तुम शांति के हकदार हो। बाकी सब कर्म पर छोड़ दो।” – अज्ञात “कभी-कभी तुम्हें छोड़ देना चाहिए और कर्म पर छोड़ देना चाहिए।” – अज्ञात

“खुशी कोई पहले से तैयार की गई चीज़ नहीं है। यह आपके अपने कार्यों से आती है।” – दलाई लामा

“कर्म ही जीवन का न्यायपूर्ण न्यायाधीश है। इसके निर्णय अंतिम होते हैं और उन पर कोई अपील नहीं होती।” – अज्ञात

“बदला लेने में समय बर्बाद मत करो। जो लोग तुम्हें चोट पहुँचाते हैं, उन्हें अंततः अपने कर्मों का सामना करना पड़ेगा।” – अज्ञात

“जब तक कर्म मौजूद है, दुनिया बदलती रहती है। कारण और प्रभाव हमेशा रहेंगे।” – नीना हेगन

“आप बहुत जल्दी दयालुता नहीं दिखा सकते, क्योंकि आप कभी नहीं जानते कि कब बहुत देर हो जाएगी।” – राल्फ वाल्डो इमर्सन

“अपना हृदय शुद्ध रखो और अपने कर्म दयालु रखो, क्योंकि तुम्हारे कर्म ही तुम्हारी विरासत हैं।” – अज्ञात

“अगर आप ईमानदारी बोते हैं, तो आपको भरोसा मिलेगा। अगर आप अच्छाई बोते हैं, तो आपको शांति मिलेगी। यह कर्म का नियम है।” – अज्ञात

“कर्म हमें सिखाता है, नया आकार देता है, और हम जो कुछ भी करते हैं उसे संतुलित करता है।” – अज्ञात “आप जो कुछ भी करते हैं वह आपके पास कई गुना होकर वापस आता है। बुद्धिमानी से चुनें।” – अज्ञात

“आप दुनिया में जो प्रयास करते हैं, उसका प्रतिफल आपको अवश्य मिलेगा – हमेशा।” – अज्ञात

“आपके कर्म ही आपकी एकमात्र संपत्ति हैं। वे ही वह आधार हैं जिस पर आप खड़े हैं।” – थिच नहत हान

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