माउंट कैलाश के रहस्यों का अनावरण: गूगल अर्थ के आश्चर्यजनक दृश्य औरप्राचीन पत्थर की मूर्तियाँ**

माउंट कैलाश — एक ऐसा पवित्र पर्वत जिसे भगवान शिव का दिव्य निवास माना जाता है — तिब्बती हिमालय की गोद में 6,638 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए यह पर्वत न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी “विश्व का केंद्र” है।
हाल ही में एक विदेशी खोजकर्ता द्वारा गूगल अर्थ की सहायता से बनाए गए वीडियो ने इस रहस्यमयी पर्वत की अनदेखी झलकियाँ उजागर की हैं। वीडियो में कैलाश पर्वत के शिखरों, मानसरोवर झील की दिव्यता और — सबसे चौंकाने वाली बात — पर्वत की चट्टानों में उकेरी गई 250 फीट ऊँची प्राचीन मूर्तियों का दावा सामने आया है। यह रहस्य आज पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
माउंट कैलाश का आध्यात्मिक महत्व
माउंट कैलाश को हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती का निवास माना गया है। स्कंद पुराण और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में इसे “विश्व का स्तंभ” और ब्रह्मांड की धुरी बताया गया है। यहाँ की 52 किलोमीटर लंबी परिक्रमा (कैलाश परिक्रमा) को करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। साथ ही, मानसरोवर झील में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है।
अन्य धर्मों में महत्व:
- बौद्ध धर्म: इसे बौद्ध देवता डेमचोक (समन्तभद्र) का निवास माना जाता है।
- जैन धर्म: पहले तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहाँ मोक्ष प्राप्त किया।
- बोन धर्म: इसे नौ-मंजिला स्वास्तिक पर्वत माना गया है — आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत।
गूगल अर्थ वीडियो: रहस्य से भरा नया दृष्टिकोण
गूगल अर्थ से प्राप्त फुटेज में कैलाश पर्वत की चार दिशाओं की ओर उन्मुख पिरामिड जैसी संरचना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जो ब्रह्मांडीय अक्ष जैसी प्रतीत होती है। वीडियो में दर्शाए गए “ॐ” प्रतीक के आकार की चट्टानी रेखाएं, मानसरोवर की नीली शांति और राक्षसताल की नीरसता एकदम सम्मोहक हैं।
सबसे चौंकाने वाला दावा:
वीडियो में पर्वत की सतह पर 250 फीट ऊँची मूर्तियों के उकेरे होने का संकेत दिया गया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये मूर्तियाँ भगवान शिव या अन्य दिव्य आकृतियाँ हो सकती हैं।
क्या वाकई हैं 250 फीट ऊँची मूर्तियाँ?
इन विशाल मूर्तियों का आकार स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ऊँचा बताया गया है। शोधकर्ता और श्रद्धालु कई सवाल उठा रहे हैं:
- क्या ये मानव निर्मित प्राचीन मूर्तियाँ हैं?
- या फिर प्राकृतिक भूगर्भीय घटनाओं से बनी आकृतियाँ हैं?
- क्या यह किसी खोई हुई सभ्यता की निशानी है?
हालांकि अभी तक वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी कैलाश की रहस्यमयी घटनाएँ — जैसे तीर्थयात्रियों द्वारा देखे गए प्रकाश के गोले, ध्यान के दौरान अजीब अनुभव और तेज़ी से उम्र बढ़ने की कहानियाँ — इस स्थान को और अधिक रहस्यपूर्ण बनाती हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की योजना कैसे बनाएं?
प्रमुख यात्रा मार्ग:
- नेपाल के माध्यम से
→ काठमांडू → सिमिकोट → हिल्सा → ताकलाकोट → मानसरोवर → कैलाश परिक्रमा - भारत के माध्यम से (उत्तराखंड)
→ दिल्ली → पिथौरागढ़ → लिपुलेख दर्रा → कैलाश दर्शन - तिब्बत के माध्यम से (ल्हासा)
→ ल्हासा → शिगात्से → सागा → डारचेन → कैलाश
यात्रा की अवधि:
10 से 15 दिन
सबसे अच्छा समय: मई से अक्टूबर
अनुमानित खर्च:
₹80,000 से ₹2,50,000 (मार्ग और सुविधाओं पर निर्भर)
माउंट कैलाश: एक रहस्य जो आज भी अनसुलझा है
माउंट कैलाश आज भी एक ऐसा पर्वत है जिस पर कोई भी मनुष्य अब तक नहीं चढ़ पाया है। इसके शिखर की ओर जाने की हर कोशिश विफल हुई है — जैसे किसी दिव्य शक्ति ने इसे संरक्षित किया हो। अब जब गूगल अर्थ के माध्यम से नई-नई छवियाँ और दावे सामने आ रहे हैं, तो यह स्थान और भी अधिक जिज्ञासा का केंद्र बन गया है।
क्या आप तैयार हैं इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए?
माउंट कैलाश केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और अस्तित्विक यात्रा है। यह यात्रा न केवल शरीर, बल्कि आत्मा को भी बदल देती है।
आज ही योजना बनाएं — और इस पवित्र पर्वत की दिव्यता का अनुभव करें।