ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम की माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला, भारतीय सेना और मोदी को सलाम

“ऑपरेशन सिंदूर”—यह नाम केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोषों की विधवाओं और उनके परिवारों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है। 7 मई 2025 की रात 1:44 बजे शुरू हुए इस ऐतिहासिक अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिसमें 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह मिशन 22 अप्रैल को हुए क्रूर पहलगाम हमले का करारा जवाब था, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली पर्यटक की निर्मम हत्या हुई थी।
माताओं के सिंदूर का सम्मान: ऑपरेशन का नाम ही एक श्रद्धांजलि
“ऑपरेशन सिंदूर” का नाम उन माताओं और बहनों के माथे से मिटे सिंदूर की पीड़ा को सम्मान देने के लिए रखा गया, जो इस आतंकी हमले में शहीदों के साथ छिन गया था। पुणे निवासी संतोष जगदाले और उनके मित्र कौस्तुभ गनबोटे सहित 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। संतोष की बेटी असावरी जगदाले ने भावुक होकर कहा, “ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर मेरी आंखें भर आईं। यह मेरे पापा और अन्य शहीदों के लिए सच्चा न्याय है।” उनकी पत्नी प्रगति जगदाले ने कहा, “यह नाम हमारे दर्द को मान्यता देता है।”
आतंक के अड्डों पर सीधा वार: सेना का पराक्रम
भारतीय सेना ने इस संयुक्त त्रि-सेवा अभियान में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया। बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, मुरिद्के में लश्कर का ठिकाना, और मुजफ्फराबाद व कोटली में चल रहे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि इस कार्रवाई में 80 से अधिक आतंकी मारे गए और यह हमला “सटीक, संतुलित और गैर-उत्तेजक” था।
मोदी का निर्णायक नेतृत्व और सेना की रणनीति
1971 के युद्ध के बाद यह पहला त्रि-सेवा संयुक्त ऑपरेशन था। थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने एकजुट होकर कार्यवाही की। वायुसेना ने राफेल विमानों और HAMMER बमों के साथ आधुनिक हथियारों का प्रयोग किया। सभी हमले भारतीय सीमा से किए गए, कोई विमान सीमा पार नहीं गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात ऑपरेशन की निगरानी की और पहले ही स्पष्ट कर दिया था: “आतंक के खिलाफ कार्रवाई का समय, स्थान और तरीका सेना तय करे।”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ऑपरेशन की योजना बनाई और अमेरिकी NSA मार्को रुबियो को भी इसकी जानकारी दी गई थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वैश्विक समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराया।
यूरी सेक्टर में पाकिस्तान की जवाबी गोलीबारी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के यूरी सेक्टर में भारी गोलीबारी की, जिसमें तीन भारतीय नागरिक शहीद हुए। भारतीय सेना ने जवाबी कार्यवाही करते हुए कई पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया। सेना ने कहा, “पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन किया, और हमने उसका माकूल जवाब दिया है।”
राष्ट्र की आवाज़: एक सुर में समर्थन
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: “भारत माता की जय!”
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: “जय हिंद! जय हिंद की सेना!”
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल: “भारत माता की जय #OperationSindoor”
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर: “आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयम बरतने की अपील की, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने “अत्यधिक सैन्य संयम” की आवश्यकता जताई।
पहलगाम हमला: मानवता पर हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की बैसारन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। शहीद संतोष की पत्नी प्रगति ने बताया, “आतंकियों ने गैर-मुस्लिमों को पहचान कर निशाना बनाया। मेरे पति को कुरान की आयत पढ़ने को कहा गया, और न पढ़ पाने पर गोली मार दी गई।”
निष्कर्ष: ऑपरेशन सिंदूर—भारत का संदेश स्पष्ट है
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति का जीता-जागता प्रमाण है। यह अभियान न केवल पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोषों के लिए एक श्रद्धांजलि है, बल्कि भारत की बेटियों और माताओं के सिंदूर की रक्षा का संकल्प भी है।
आज शाम भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर पर आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग देगी। श्रीनगर और उत्तरी सीमाओं पर हवाई अड्डे अस्थायी रूप से बंद हैं, और सुरक्षा के तहत आकाश मिसाइल प्रणाली तैनात है।
ताजा अपडेट्स के लिए जुड़ें रहें हिंदू टोन न्यूज़ के साथ।
जय हिंद!